रतनजोत के बीज खाने से सुपौल में 21 बच्चे बिमार।

आयुर्वेदाचार्य आचार्य बालकृष्ण

सुपौल न्यूज :-

बिहार के सुपौल जिला के त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र के बघला वार्ड नम्बर 9 के 21 बच्चे गलती से रतनजोत के बीज खा लेने के कारण बिमार हो गए। सभी बिमार बच्चों का इलाज त्रिवेणीगंज के सरकारी अस्पताल में किया जा रहा है।

क्या कहा डॉक्टर ने….

इस संबंध में डॉक्टर ने बताया कि सभी बच्चे खतरा से बाहर है। कुछ को घर भेज दिया गया है और कुछ का इलाज किया जा रहा है। डॉक्टर ने कहा कि यह एक ऐसा बीज है जिसका उपयोग आयुर्वेदिक औषधियों के निर्माण में किया जाता है।

बच्चों ने कैसे खाया !

स्थानीय लोगों के अनुसार ये बच्चे प्रायः उधर बकरी चराने या जलावन इकट्ठा करने जाया करते थे। इस दौरान बच्चों ने बदाम जैसे दिखने वाले रतनजोत के बीज को बदाम समझकर खा लिये। खाने के कुछ देर बाद बच्चों को उल्टियां होने लगी, सिर में चक्कर आने लगा। बच्चों ने जब ये बात अपने माता-पिता को बताया तो मानो हड़कंप मच गया। आनन-फानन में बच्चों को त्रिवेणीगंज अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया।

 

क्या कहते हैं आचार्य बालकृष्ण !

 

 

पतंजलि आयुर्वेद के शीर्ष आयुर्वेदाचार्य आचार्य बालकृष्ण के अनुसार रतनजोत औषधीय गुणों से भरपूर फल है। इसके उपयोग से मवेशियों के कब्ज अथवा बदहजमी जैसी समस्याओं का निदान आसानी से हो जाता है। वहीं इसका तेल चर्मरोग के लिए काफी फायदेमंद होता है। लेकिन इसके प्रयोग में पर्याप्त सावधानी बरतने का सुझाव भी दिया जाता है।

* फोटो सोशल मीडिया साभार।

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